रामनगर बाराबंकी। लोधेश्वर महादेवा के अगहनी महोत्सव मे सत्यम शिवम सुन्दरम की अवधारणा को साकार करते हुए नामचीन छोटे बड़े कलाकारो ने सांस्कृतिक पांडाल मे धमाल मचा रखी है।उत्तर भारत के महाभारत कालीन प्रसिद्ध शिव धाम मे अगहन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी से शुरु हुये मेले और महोत्सव की अपनी एक अमिट छाप रही है।स्वर्णिम रुप से तमाम उतार चढावो के बावजूद अनवरत नित्य नये पायदान पर यह महोत्सव चढ़ता चला गया।अगहनी महोत्सव के सांस्कृतिक कार्यक्रमो मे आमन्त्रित देश प्रदेश के ख्याति प्राप्त लोक गायक,कविगण,पहलवान,खिलाडी सहित भिन्न भिन्न विधाओ से श्रोताओ एंव दर्शको को सीख देकर एक सप्ताह तक मन्त्र मुग्ध करते रहे है।

जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी की मंशा के अनुरुप वर्ष 2025 मे आईएएस उपजिलाधिकारी गुंजिता अग्रवाल और तहसीलदार विपुल कुमार सिह,नायब तहसीलदार विजय प्रकाश तिवारी की देख रेख मे नित्य नये आयाम लिखे जा रहे है।मालूम हो कि महाभारत काल मे दुर्योधन की दुर्नीति पर रचे गये लाक्षा गृह से बचकर अज्ञात वास मे चले गये पाण्डु पुत्र माता कुन्ती के साथ घाघरा(सरयू) नदी के तटीय क्षेत्र मे आये थे।उन्होने शिवलिंग की स्थापना कर बारह वर्षों तक यहा रुद्राभिषेक किया था। जिसके फलस्वरुप लोधेराम अवस्थी को अगहन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को कृषि कार्य करते समय कांलातर मे यह शिवलिंग मिला था। उन्होने जिसे मंदिर का रुप देकर पूजा पाठ शुरु कर दी।लेखो के मुताविक तब से आज तक अगहन माह मे यह उत्सव प्रत्येक वर्ष छोटे बडे रुप मे मनाया जाने लगा। ऐतिहासिक धरोहरों मे वर्णित इस पावन धाम का भूलिंग स्वंय लोधेश्वर के नाम से प्रसिद्ध है।राजा इन्द्र के नंदन वन से लाया गया देव वृक्ष पारिजात और माता कुन्ती के द्वारा ही स्थापित कुंतेश्वर धाम है।हिरण्याक्ष का वध करने एंव माता पृथ्वी के पुनरोत्थान हेतु स्वंय प्रभु ने बाराह भगवान का रुप धारण किया था।आदिकाल से आज तक बाराबंकी और बाराह वन जैसै आध्यात्मिक रहस्यो की जानकारी कराता हुआ उत्तर भारत मे प्रसिद्ध लोधेश्वर महादेवा का शिव धाम है।जहा पर सावनी अगहनी और फाल्गुनी महोत्सव की अमिट पहचान के साथ सदियो से विद्यमान है।

कजरीतीज के महापर्व के पावन अवसर पर भी लाखो शिवभक्त लालायित मन से भूत भावन भोलेनाथ के पूजन अर्चन एंव जलाभिषेक के लिये दौड़े चले आते है।महोत्सव मे चौथे दिन लोक गायक जमुना प्रसाद कनौजिया और उनके सहयोगी कलाकार धमाल मचायें हुये थे तो दूसरी तरफ खेल प्रेमी दो दिवसीय वालीबाल प्रतियोगिता का आनन्द ले रहे थे।बुधवार की रात्रि भोजपुरी संगीत और भक्ति भाव से भरी मशहूर गायक समर सिह तथा शिल्पी राज के उल्लास से सराबोर रही तो वही वृषपतिवार की देर शाम अखिल भारतीय विराट कवि सम्मेलन समपन्न होगा।

